एक मौत हो गयी है हर तरफ बहस है
हलाल से मरा या झटके से मौत उसकी
एक पक्ष कह रहा है हलाल में है जन्नत
स्वर्ग झटके में है एक पक्ष का है ये मत
गुस्से में आकर दोनों बाहें चढ़ा रहे है
वो कुरान पढ़ रहा है वो वेद गा रहे है
सच में कोई मरा है या चल रही है सासे
यदि चल रही है सांसे कोई उसे बचाए
पर बहस फिर वही कि कौन उसे बचाए
हिन्दू है या मुसलमा पहले वो ये बताये
इन्सान होना इंसा को काफी नहीं है यारो
गैर मजहबी बचाया तो माफ़ी नहो है यारो
उसकी जिंदगी से है किसका कोई वास्ता
विवादों से खुलता है राजनीति का रास्ता
दोनों ने कहा अफवाह फ़ैलाने में भला है
अजमाया हुआ नुस्खा हर बार जो चला है
छोड़ो इसे अपनी अपनी बस्ती में लौट जाओ
मै गोली इधर चलाऊ तुम भी उधर चलाओ
पर पहले देख लेना घर वाले घर पे ही हो
या इंतजार करना थोड़ी देर क्यों नहीं हो
जब दोनों बता देंगे सब ठीक है जी मौला
तुम भी करना दंगा ,हम भी करेंगे दंगा
कुछ मर गए तो फिर सियासत में रंग होगा
हम दोनों के लड़ने का पुराना ही ढंग होगा
तुम बनो विधायक और संसदी हो मेरी
प्रान्त में सत्ता तेरी औ दिल्ली में हो मेरी
फिर बात होगी कि कौन मर गया था
वो अफवाह थी या सच में कोई मरा था
सचमुच कोई मरा हो तो दोनों रो लेंगे
जनता का ही है पैसा मुवावजे में देंगे
पाँच साल के लिए अब हो गयी कमाई
चाहे कहे कोई नेता चाहे कहे कसाई
खेल राजनीति का पता चल गया है साथी
हम लड़ते रहे जमाना छल गया है साथी
वो हिन्दू मरेगा या मुस्लमान मरेगा
लेकिन कोई ना कोई तों इन्सान मरेगा
हम लड़ते रह गए तों यारो याद रखना
एक दिन होगा पूरा ही हिंदुस्तान मरेगा
हलाल से मरा या झटके से मौत उसकी
एक पक्ष कह रहा है हलाल में है जन्नत
स्वर्ग झटके में है एक पक्ष का है ये मत
गुस्से में आकर दोनों बाहें चढ़ा रहे है
वो कुरान पढ़ रहा है वो वेद गा रहे है
सच में कोई मरा है या चल रही है सासे
यदि चल रही है सांसे कोई उसे बचाए
पर बहस फिर वही कि कौन उसे बचाए
हिन्दू है या मुसलमा पहले वो ये बताये
इन्सान होना इंसा को काफी नहीं है यारो
गैर मजहबी बचाया तो माफ़ी नहो है यारो
उसकी जिंदगी से है किसका कोई वास्ता
विवादों से खुलता है राजनीति का रास्ता
दोनों ने कहा अफवाह फ़ैलाने में भला है
अजमाया हुआ नुस्खा हर बार जो चला है
छोड़ो इसे अपनी अपनी बस्ती में लौट जाओ
मै गोली इधर चलाऊ तुम भी उधर चलाओ
पर पहले देख लेना घर वाले घर पे ही हो
या इंतजार करना थोड़ी देर क्यों नहीं हो
जब दोनों बता देंगे सब ठीक है जी मौला
तुम भी करना दंगा ,हम भी करेंगे दंगा
कुछ मर गए तो फिर सियासत में रंग होगा
हम दोनों के लड़ने का पुराना ही ढंग होगा
तुम बनो विधायक और संसदी हो मेरी
प्रान्त में सत्ता तेरी औ दिल्ली में हो मेरी
फिर बात होगी कि कौन मर गया था
वो अफवाह थी या सच में कोई मरा था
सचमुच कोई मरा हो तो दोनों रो लेंगे
जनता का ही है पैसा मुवावजे में देंगे
पाँच साल के लिए अब हो गयी कमाई
चाहे कहे कोई नेता चाहे कहे कसाई
खेल राजनीति का पता चल गया है साथी
हम लड़ते रहे जमाना छल गया है साथी
वो हिन्दू मरेगा या मुस्लमान मरेगा
लेकिन कोई ना कोई तों इन्सान मरेगा
हम लड़ते रह गए तों यारो याद रखना
एक दिन होगा पूरा ही हिंदुस्तान मरेगा