रविवार, 20 मार्च 2011

आज होली है ,रंग लगाना है लगालो अच्छे अच्छे रंग डालो

आज होली है ,रंग लगाना, लगालो, अच्छे अच्छे रंग डालो,
ये लाल रंग है ,लहू का भी लाल होता है, फैसला तुम्हारा,
किसी  के लिए रक्तदान करो या बेगुनाहों का रक्त बहालो,
या रुके हर तरह का रक्तपात ऐसी कोई  व्यवस्था बनालो|
और आप हरा रंग लाये हो ,लगता है कीचड में नहाये हो,
आओ पूरी धरती को फिर हरा भरा बनाये,हों भरपूर फसलें,
फलों के बगीचे ,फूलो की क्यारी नहीं तों गमले ही लगाये,
और नीला , नीला आसमान नीला समुद्र साफ हो नदियाँ,
साँस लेने लायक हवा ,पीने लायक हो पानी नहीं तों ,
खुद ही मिट जाओगे  तों होली कैसे मानोगे |
पीला है तुम्हारा रंग होली का अपनाओ नया ढंग,
गरीबी और बेबसी के कारण जो बेटी आत्महत्या करने या,
बिकने को तत्पर है ,उसे बचाने का तुम्हे  एक अवसर है,
उसके हाथ पीले कर,कफ़न से बचा लो पीली चुनरी ओढा दो ,                                                                 
जीवन में खुशहाली  और उसके घर में पीली होली सजादो |
तुम काला रंग ही लाये हो या तुम्हारा मन भी है काला ,
अपना  इरादा बतादो ,अपना असली चेहरा तो दिखादो ,
हो सके तों ये रंग समाज पर नहीं समाज के दुश्मनों पर डालो,
उन्हें ढूढ़ निकालो और बतादो काले इरादों के लिए नहीं है स्थान,
ये राम कृष्ण बुद्ध महावीर गाँधी के साथ सुभाष का हिंदुस्तान |
काला रंग और काला इरादा लेकर आओगे तों पछताओगे,
रंग के साथ हम खून की होली भी खेलना जानते है,
भूले तों नही ७१ और कारगिल ,अब आओगे तों मिट जाओगे, .
बाहर आसान पर अन्दर छिपे काले मन वालो से लड़ाई गंभीर है,
वे हमारे बीच छिपे ना पहचाने जाने वाले गुलाल और अबीर है,
आओ मिल कर सफाई का पानी डाले ,उन्हें ढूढ़ कर निकाले,
सियार का रंग उतर जायेगा ,समाज उन्हें रास्ते पर लायेगा |
फिर सभी रंगों को मिला कर इन्द्रधनुषी रंग बनाये,
उसी की होली खेलें, पूरे भारत को वही रंग लगायें,
अपना देश महान होगा जी हाँ ऐसा हिंदुस्तान होगा,
विश्व को रास्ता दिखायेगा फिर विश्व गुरु कहलायेगा,
आओ इन इरादों की चन्दन और रोली लगाओ,
हाथ का खंजर फेंक दो और गले से  लग जाओ | .

बुधवार, 16 मार्च 2011

नफरतो को होली में इस बार जलाये

यहाँ वहा आज देखो होली हो रही
वहा पे हंसी  यहाँ ठिठोली हो रही

तय था होली एक दिन मनाई जाएगी
होली में  बुराई  सब  जलाई  जाएँगी 
खुशियों से खेलेंगे हम रंग औ गुलाल
गले मिल कर दोस्ती  बढाई  जाएगी

एक दिन नही अब तों  रोज होली है
जी हा आज कि ये नई सोच होली है 
होली गुजरात कि कश्मीर कि होली
सड़क हो या रेल बस होली  होली है

होली में जलाये भी तों कौन लकड़ियाँ
मिल रही है मुफ्त में तमाम लड़कियां
रेल, बस, घर  जलाने का अधिकार है 
रोके कौन सबने बंद की है खिड़कियाँ  

होली का हुड़दंग हो या लोगो की चीख
यहाँ वहा जो भी मिले पहले उसे  खींच
आग में जलादे  चाहे खंजर पर उछाल
पानी से नही अब जमी लहू से ही सींच

देखो कही बम तों कही गोली चल रही 
चारो ओर खून की बस होली चल रही
हम नहला रहे है अपनी माँ को लहू से
नफ़रत की ही बस यहाँ बोली चल रही 

ऐसी होली भारत में और कब तक चलेगी
नफरत की कहानी भला कब तक  पलेगी 
जले राम का हवेली या रहीम  का मकान
इंसानियत की होली ऐसी कब तक जलेगी

आओ ऐसी होली पर विराम लगाये
भाई चारे की कहानी फिर से सुनाये
आओ इंसानी जज्बे  को हम जगाये 
नफरतो को होली में इस बार जलाये

शनिवार, 12 मार्च 2011

पृथ्वी जोर से हिली ,गुस्सा हो गया समुद्र

पृथ्वी जोर से हिली 
समुद्र की नीद टूट गयी 
गुस्सा हो गया समुद्र  
गुस्से में जोर से साँस लेने लगा समुद्र  
उसकी सांसे भारी पड़ गयी पृथ्वी को  
और पृथ्वीवासियों को भी  
चारो तरफ जलजला ,मौत और तबाही 
कुछ करो की फिर पृथ्वी ना हिले 
जरूरत पर हिले तो इतने जोर से ना हिले  
समुन्द्र की नीद ना टूटे ,क्रोधित ना हो समुन्द्र 
अभी तो थोडा सा क्रोधित हुआ है तब ये हाल है 
पूरा समुन्द्र क्रोधित हो गया तो पृथ्वी का क्या होगा 
क्या होगा पृथ्वी पर रहने वालो का 
आओ बचालें पृथ्वी को ,समुन्द्र को और मानवता को |