मै सोचता था आसमान मेरा है ,
पर यहाँ तो हर तरफ अँधेरा है |
ढूढो यही कही कोई सूरज होगा,
जो कहेगा देख ये तेरा सवेरा है |
इतने तारे जो आसमान में फैले,
पुकारते है सारा आसमान तेरा है |
जो थक गया जरा सी चढ़ाई पर ,
अभी बहुत दूर आसमान तेरा है |
अँधेरे, उजाले दोनों ही जिंदगी है,
अँधेरा है तभी तो सुबह सवेरा है |
अधेरे को तू आने दे और जाने दे,
इरादे रख तो रोज नया सवेरा है |
चढ़ जा इरादों की किसी पहाड़ी पर,
खुशियाँ चूम और आसमान तेरा है |
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें