मेरी आँखे गीली क्यों है ?
और
नदी क्यों बहने लगी ?
गलत न समझ ले आप
मैं कभी नहीं रोता हूँ
कभी नहीं रोया हूँ मैं
और
क्यों रोऊँ मैं
मेरी आँखों में पानी ही
बहुत ज्यादा है
बस छलक पड़ता है वो
जब भारी हो जाता है मन
और बैठने लगता है दिल
तो छलक पड़ता है
आँखों का खारा पानी
सच रोता नहीं हूँ मैं ।
और
नदी क्यों बहने लगी ?
गलत न समझ ले आप
मैं कभी नहीं रोता हूँ
कभी नहीं रोया हूँ मैं
और
क्यों रोऊँ मैं
मेरी आँखों में पानी ही
बहुत ज्यादा है
बस छलक पड़ता है वो
जब भारी हो जाता है मन
और बैठने लगता है दिल
तो छलक पड़ता है
आँखों का खारा पानी
सच रोता नहीं हूँ मैं ।
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