रविवार, 15 जून 2014

जहा केवल एक कमाता हो बाकी सब केवल खाते और फैलाते हो

जहा केवल एक कमाता हो बाकी सब केवल खाते और फैलाते हो
कितना भी भरा पूरा घर हो और हो आमदनी उसे कौन बचाएगा |

ईमानदारी वफ़ादारी और शर्म कही मैं टांग आया हूँ

ईमानदारी वफ़ादारी और शर्म कही मैं टांग आया हूँ
तेरी मेहनत तेरी कुर्बानिया मेरे किस काम आएँगी |

तू मेहनत कर संघर्ष कर और सरकार बनाता जा
मैं खाता जाऊंगा तेरी खेती बस तू हल चलता जा |

इरादे देख कर तेरे अब चौकन्ना हो गया हूँ मैं

1-इरादे देख कर तेरे अब चौकन्ना हो गया हूँ मैं
  या तू  मुझको मरेगा या अगला युद्ध हारेगा |


2-छल एक जीत दे सकती पर स्थाई नहीं होती
  टिकने के लिए तो सबका ही विश्वास चाहिए |


3-अभिमन्यु को मारा था तो क्या युद्ध जीता था
   कभी कुछ भेडिये मिल कर शेर को भी मार देते है


4-जितने लोग तेरे यहाँ व्यापार करते है ,
    उतने तो हमारे सीमा पर कुर्बान होते है | 

5-जितना तूने सबका खून बहा दिया  ,
  उससे कई गुना हमने दान कर दिया  | 

6-जितना तेरे घर में सब कुछ होता है ,
   उतना तो हम खेत में ही छोड़ देते है | 

७- लकीरें साथ है जिनकी जब तक
    बुरे करम भी नहीं मार सकते है |